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Govardhan Bisen "Gokul"

Abstract

4.0  

Govardhan Bisen "Gokul"

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नव कन्या पूजन

नव कन्या पूजन

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 (विधा-कुंडलिया छंद)


माता को दरबार मा, सबलाच लगी आस।

करो पूजन कन्या को, वहां देवि को वास।

वहां देवि को वास, कन्या घरमा बुलावो।

धोवो कन्या पाय, माहूर बी रंगावो।

करो दीन ला दान, तुमी बन जावो दाता।

तबच तुमला प्रसन्न, होये भवानी माता ।।१।।


नवरात्री तिवहार मा, करो देवी उपवास।

श्रद्धा अना भक्ति लका, करनो पूजन खास ।।

करनो पूजन खास, बालक संग कन्या नव।

वाढ़ो उनला ठाव, खीर पुरी की मिठी चव ।।

पूजो ध्यान लगाय, आशीष की से खात्री।

बड़ो मानको से येव, तिवहार नवरात्री ।।२।।


हासी खुशी करो सार, लगकन उनका पाय।

कन्या रुप दुवा देये, तुमला दुर्गा माय ।।

तुमला दुर्गा माय, हासी खुशीमा ठेये।

प्रसन्न होयशान, शुभ आशीर्वाद देये ।।

कव 'गोकुल' कविराय, करो पूजा उपवासी

देये अंबे वरदान, मुखपरा चमके हासी ।।३।।



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