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V. Aaradhyaa

Inspirational

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V. Aaradhyaa

Inspirational

घर की धुरी है वो

घर की धुरी है वो

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समूचे घर परिवार की धुरी है,

शक्ति की परिचायक नारी है !

नारी से ही चलती सृष्टि सारी है,

एक नारी सारी शक्ति पर भारी है !


नारी ही तो होती एक जन्म दात्री,

नारी ही तो होती एक बहना है !

नारी एक रूप में तो भार्या होती,

घर-संसार का नारी ही गहना है !


संस्कार के तुमुल बीज वो बोती,

धैर्य व विवेक का पाठ पढ़ाती है !

सहनशील और त्यागमयी बनकर,

समस्त बाधाओं को सदा हरती है!


तूफानों से घिरे कई झंझावत को,

देखकर वह कभी नहीं घबराती है!

आगे बढ़कर खुद वह राह बनाती है,

सधे क़दमों से मंजिल हासिल करती है।


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