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अच्युतं केशवं

Inspirational

4  

अच्युतं केशवं

Inspirational

हारेगा अंधकार हारेगा।

हारेगा अंधकार हारेगा।

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हारेगा अंधकार हारेगा,

जीतेगा उजियाला।


नेह के पखेरू फिर,

अंबर में डोलेंगे।

जगती के कानों में,

मधु कलरव घोलेंगे।

धोलेंगे क्रोध ज्वलित,

नैनो को अश्रु नीर,

मानव के शुभ प्रयास,

नव गवाक्ष खोलेंगे।

खुलना है पिंजरा तो खुलना है,

टूटेगा हर ताला।

हारेगा अंधकार हारेगा,

जीतेगा उजियाला।(1)

-

नफरत की हिंसा की,

टूटेंगी तलवारें।

जहरीले नारों को,

मिलनी हैं दुत्कारें।

जय हो सौहार्द्र दया,

शान्ति औ अहिंसा की,

मैत्री के गीतों में,

खोनी हैं ललकारें।

भरना है करुणा से भरना है,

मानव का मन प्याला।

हारेगा अंधकार हारेगा,

जीतेगा उजियाला।(2)

-

जय भारत माता की,

जय भारत बेटी की।

घूंघट की कैद पड़ी,

किस्मत की हठी की।

देवियों की देहों से,

मानवियां प्रकटेंगी,

जय हो हर हतभागी,

चरणों में लेटी की।

फाड़ेगी हर तितली फाड़ेगी,

मकड़ों का हर जाला।

हारेगा अंधकार हारेगा,

जीतेगा उजियाला।(3)



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