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Mukesh Bissa

Inspirational

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Mukesh Bissa

Inspirational

होता अगर मैं प्रभु

होता अगर मैं प्रभु

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होता अगर मैं प्रभु

दुख दिनों के 

सारे ही हर लेता।

भूखा न कोई 

सो पाता।


उदर हर एक 

का भर जाता।

होते वस्त्र 

हर के 

तन पे।

याचक कोई 

न फिर बन पाता।


अस्मत न लूटती

किसी नारी की

न कहलाती 

वो बेचारी।

खाई 

अमीर गरीब 

के बीच की

सारी मेँ

पाट देता।


रिश्ते सारे होते

ही अपने।

भाई से ही

भी किसी 

खातिर न 

लड़ पाता।


भाईचारे के 

संग संग

भाव

वसुधैव कुटुम्ब

का भर देता।

अगर मैं प्रभु होता।


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