माँ ये सब कैसे कर पाती है ?
माँ ये सब कैसे कर पाती है ?
थकती नहीं है दिनभर काम करती नज़र आती हैं,
माँ मानो जैसे रोबोट को टक्कर देना चाहती है।
दुनिया भर की रस्में भी वो सारी निभाती है,
माँ न जाने ये सब कैसे कर पाती है ?
मै भूखा रहूं तो माँ को नींद नहीं आती है,
मेरी हर परेशानी वो चेहरे से पढ़ पाती हैं।
मेरे आगे अपना दुख दर्द सब भूल जाती हैं,
माँ न जाने ये सब कैसे कर पाती है?
रिश्ते नाते हर चीज का बोझ उठाती है,
बिना कुछ कहे ही वो सब समझ जाती है ।
हम सबका पेट भरके फिर वो खाना खाती हैं,
माँ न जाने ये सब कैसे कर पाती है?
मुश्किल घड़ी में सबको माँ ही याद आती है,
एक वो ही तो है जो डर को दूर भागती हैं।
सच और झूठ में फर्क भी वो ही सिखलाती है,
माँ न जाने ये सब कैसे कर पाती हैं?