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Hemisha Shah

Inspirational

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Hemisha Shah

Inspirational

mom

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कोख में ही मुज़को पहचान लेती है

अपनी मीठी लोरी से मुज़को सुला देती है

वो माँ होती है


सूरज की पहेली किरन में क्या जणू?

मेरे सुबह की पहेली मुस्कान होती है

खुद की ही भूख पानीसे मिटा देती है

आखरी निवाले पे मेरा हक़ जता देती है 

वोह मा होती है


हर मकान को घर में सवार देती है

हर जिद मेरीएक थप्पड़ से भगा देती है 

स्कूल हो या कॉलेज वोह

 हर वक़्त मुज़पे ध्यान देती है 

वोह मा होती है


नहीं देखी ए खुदा सूरत तेरी

माँ की मूरत ही मेरे लिए खुदा होती है

मेरे हर दुःख मैं खुद ही मुस्कान होती है 

वो माँ होती है।


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