याद..(शहीदों की )
याद..(शहीदों की )
जो शहीद हुए हैं उनको
चलो आज याद करते हैं
फक्र हो उन पे
आज ऐसी बात करते हैं
लक्ष्मी बाई या भगत सींग
गाँधी सरदार या फिर कोई बेनाम जगतसिंघ
देश सुरक्षित रखा सरहदों तक
अँग्रेज़ों से लड़ पाया स्वमान की हदों तक
क्या जान पाया उनके दिल की तमन्ना कोई
वो बस कह पाए भारत जैसा दूजा ना देश कोई
गांव में उनकी बेवा बच्चे आहें भरते हैं
चलो आज उनको ही सलामी भरते हैं
" जय हिन्द..भारत छोड़ो" ये तो वो शब्द हैं
"तुम मुझे खून दो में तुम्हें आज़ादी दूंगा"
उसमें आज भी थोड़ा दर्द हैं
फ़ना हो जाऊँ मर मिट जाऊँ यही फितरत थी
देश के लिए बलिदान यही तो किस्मत थी
याद करेंगे उनको जो देश के नाम जिया
चलो सलाम भर के एक आंसू उनके नाम किया