यात्रा
यात्रा
एक मुसाफिर हूँ चलता जा रहा हूँ!
खुद को कारवाँ मेँ बदलता जा रहा हूँ ! !
मिलेगी कितनी ठोकरें .. !
बस खुद मे संभलता जा रहा हूँ! !
जीवन की नयी मंज़िले !
कुछ उम्मीद के, मिल जाये हमसफ़र !
हर सफर हमसफ़र ढूढ़ता जा रहा हूँ !!
कभी शोख से भरी ज़िंदगी !
कभी बोज से भरी ज़िंदगी !
हर पल हल निकालता जा रहा हूँ!!
ज़िंदगी तो मौत के बाद भी है !
कुछ याद उनके साथ भी है !
वक़्त बेवक़्त बदलता जा रहा हूँ! !
एक मुसाफिर हूँ चलता जा रहा हूँ! !