STORYMIRROR

Hemisha Shah

Inspirational

4.4  

Hemisha Shah

Inspirational

यात्रा

यात्रा

1 min
314


एक मुसाफिर हूँ चलता जा रहा हूँ!

खुद को कारवाँ मेँ बदलता जा रहा हूँ ! !


मिलेगी कितनी ठोकरें .. !

बस खुद मे संभलता जा रहा हूँ! !


जीवन की नयी मंज़िले !

कुछ उम्मीद के, मिल जाये हमसफ़र ! 

हर सफर हमसफ़र ढूढ़ता जा रहा हूँ !!


कभी शोख से भरी ज़िंदगी !

कभी बोज से भरी ज़िंदगी !

हर पल हल निकालता जा रहा हूँ!!


ज़िंदगी तो मौत के बाद भी है !

कुछ याद उनके साथ भी है !

वक़्त बेवक़्त बदलता जा रहा हूँ! ! 

एक मुसाफिर हूँ चलता जा रहा हूँ! !



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational