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Sanjay Verma

Drama

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Sanjay Verma

Drama

निशाना

निशाना

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निशाना लगाता चुने गए

लक्ष्य पर

साधा है तरकश में रखे तीरों से।


भेद पाऊँ सधे लक्ष्य को

होगा इम्तिहान मेरा

बहुत साधना की तीरंदाजी की

सोचता हूँ।


दुनिया आधुनिक हो गई

तीर झाँक रहे तरकशों से

बंदूकें आ गई मैदानों में।


अपने जौहर दिखाने

लेकिन तीर बना लेते घरों में

बंदूकें नहीं बनती घरों में।


बनती है मशीनों से

तीर के अपने लक्ष्य

मशीनी बंदूक के लक्ष्य

होते है पराए।


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