हाँ! मैं रोना चाहता हूँ!
हाँ! मैं रोना चाहता हूँ!
हाँ! मैं रोना चाहता हूँ।
हाँ! हूँ मैं लड़का, फिर भी मैं रोना चाहता हूँ।
उस बचपन को फिर से जीना चाहता हूँ,
हाँ! हूँ मैं लड़का, फिर भी मैं रोना चाहता हूँ।
ना कोई दबाव था ना कोई परेशानी,
माँ प्यार करती थी मोटा करती थी नानी।
अब तो ज़िन्दगी से ही होती छेड़खानी,
रोज़ रोज़ की चिक चिक से होती स्वास्थ की भी हानि।
उसी बचपन को वापिस लाना चाहता हूँ,
हाँ! हूँ मैं लड़का, फिर भी मैं रोना चाहता हूँ।
खुलकर रोते खुलकर हँसते थे,
बहुत ही आसान ज़िन्दगी के रास्ते थे।
अब तो हँसने पर भी पाबंदी हैं,
परेशानियों की रफ़्तार तेज़ खुशियों की काफी मंदी हैं।
उसी तरह खुलकर हँसना चाहता हूँ,
हाँ! मैं हूँ लड़का, फिर भी मैं रोना चाहता हूँ।।
किसी की चिंता ना थी, कुछ भी पहनते कुछ भी खाते थे,
रामलीला में ताड़का को देखकर बहुत डर जाते थे।
अब कहाँ वो दिन कहाँ वो रातें,
हमारे कपड़े और बालों को देख लोग बनाने लगे है बातें।
वही रामलीला की ताड़का से डरना चाहता हूँ,
हाँ! मैं हूँ लड़का, फिर भी मैं रोना चाहता हूँ।।
ना कोई चिढ़ाता था ना कोई लुभाता, अपनी धुनों में सब मग्न थे,
आसानी से कटते थे दिन और रातें, अब कहाँ वो दिन और कहाँ वो बातें,
गर्लफ्रेंड के चक्करों में लोग दोस्तों को भूल जाते।
अपनी उसी धुन में मग्न होना चाहता हूँ,
हाँ! हूँ मैं लड़का, फिर भी मैं रोना चाहता हूँ।।
ज़िन्दगी कितनी हसीन थी जो मर्ज़ी होती वो करते थे,
अब तो हर कदम पर समाज की चिंता है,
क्योंकि लोग बस दूसरों के घरों में झाँकने के लिए ज़िंदा है।
अपनी उन्हीं मनमर्ज़ियों में रहना चाहता हूँ,
हाँ! हूँ मैं लड़का, फिर भी मैं रोना चाहता हूँ।।
कपड़े, जूते कुछ ज़रूरी ना था, चप्पलों में ही दिन कट जाते थे,
अब तो सोते हुए भी जूते पहनने की नौबत है,
एक-एक रुपए की टॉफियां लाकर उन्हीं को मज़े से खाते थे।
उन्हीं गोली-टॉफियों में बस जाना चाहता हूँ,
हाँ! हूँ मैं लड़का,फिर भी मैं रोना चाहता हूँ।।
काश! वक्त वहीँ थम जाता,
वहीँ ज़िन्दगी वहीँ मौत मिल जाती,
ना कोई दिया रहता ना ही जलती उसमें ये बाती।
वही बेख़ौफ़ दिया दोबारा बनना चाहता हूँ,
हाँ! हूँ मैं लड़का, फिर भी मैं रोना चाहता हूँ।
कितना सुन्दर था बचपन, अब तो बदसूरत जवानी है,
कितना भी याद करो, वो ज़िन्दगी और ख़ुशी ना वापस आनी है।
यही सोचकर इस ज़िन्दगी को अब खोना चाहता हूँ,
हाँ! हूँ मैं लड़का, फिर भी मैं रोना चाहता हूँ।।
फिर भी मैं रोना चाहता हूँ....