बात नहीं होती
बात नहीं होती
बात नहीं होती
रंगों की कोई जात नहीं होती,
भाई-चारे के देश में दुश्मनी की बात नहीं होती
ये खेल है प्रेम की होली का।
मिलकर रहते इसलिए टकराव की बात नहीं होती,
रंगे चेहरों से दर्पण की बात नहीं होती,
वृक्ष भी रंगे टेसू से मगर पहाड़ों से बात नहीं होती
ये खेल है प्रेम की होली का।
बिना रंगे तो प्रकृति भी खास नहीं होती
पानी न गिरे तो नदियाँ खास नहीं होतीं
सूरज बिना इन्द्रधनुष की ओकात नहीं होती
ये खेल है प्रेम की होली का।
फूल न खिले तो खुशबुओं की बात नहीं होती
सोये बिना सपनों की बात नहीं होती
दिल मिले बिना प्रेम में उजास नहीं होती
ये खेल है प्रेम की होली का।
साथी न हो तो सजने की बात नहीं होती।