काम मेरा बस ये देखना प्रबल है कितना मेरा धीर काम मेरा बस ये देखना प्रबल है कितना मेरा धीर
लग जाता है पर ज़िंदगी उस बाण के जैसे लग जाता है पर ज़िंदगी उस बाण के जैसे
वो पुष्प मुख, देवी स्वरूप देखे जो श्याम, चोर चक्षु से वो पुष्प मुख, देवी स्वरूप देखे जो श्याम, चोर चक्षु से
जहाँ पर वो गिरा, वहाँ मिली है सोने की खान! जहाँ पर वो गिरा, वहाँ मिली है सोने की खान!
मैं दरियां हूँ बिन दिशाओं का मेरी मंजिल का पता हो तुम। मैं दरियां हूँ बिन दिशाओं का मेरी मंजिल का पता हो तुम।
दर्द जो क़िस्मत से क़िस्मत वालों को नसीब होता है। दर्द जो क़िस्मत से क़िस्मत वालों को नसीब होता है।