Saini Nileshkumar
Others
अकसर हालत इतने बिगड़ते है की
अपने और पराये के फासले बदल देते है
कही निशाना चूक जाता तो कही
लग जाता है पर ज़िंदगी उस बाण के जैसे
चलते रहती की भले चूक जाये भी
निशाना पर फिर भी करते रहती है वार
रिश्ते
स्वार्थ
इश्क़ मे ना ते...
ए ज़िन्दगी यूँ...
रख के हिम्मत
अजनबी सी सुबह
मन पापी
काया
दौर ए ज़िन्दगी
मन