संवेदनाओं को फिर से पल्लवित होने का अवसर होता है ! संवेदनाओं को फिर से पल्लवित होने का अवसर होता है !
न जाने क्यों हो जाती हूँ तुझसे मिलने को मैं पागल। जब जब घुमड़ घुमड़ कर घिर जाते है ये बादल। न जाने क्यों हो जाती हूँ तुझसे मिलने को मैं पागल। जब जब घुमड़ घुमड़ कर घि...
मृत्यु के क्रूरता भरे पंजों में भी, जीवन को पल्लवित होते देखा है मृत्यु के क्रूरता भरे पंजों में भी, जीवन को पल्लवित होते देखा है
पलाश की महक और उसका रंग अनूठा सा आभास है पलाश की महक और उसका रंग अनूठा सा आभास है
एक बार जरा सा कह दो तुम मैं हवा सा बहता आ जाऊंगा, एक बार जरा सा कह दो तुम मैं हवा सा बहता आ जाऊंगा,