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Bindiya rani Thakur

Inspirational

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Bindiya rani Thakur

Inspirational

निराश मत हो

निराश मत हो

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मत होना निराश तुम, मत होना हताश तुम 

मैंने पल में ही मौसम बदलते देखा है

दुख की काली छाया पर ,

खुशियों का विजय देखा है

नागफनी की कांटों भरी शाखों पर भी,

फूलों को खिलते हुए देखा है

मृत्यु के क्रूरता भरे पंजों में भी,

जीवन को पल्लवित होते देखा है

प्रत्येक हार के बाद विजय का उत्सव 

भी देखा है

मत होना हताश तुम, मत होना निराश तुम


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