दिल पूछता है
दिल पूछता है


बदलता हुआ मौसम है
बेफ़िक्री का आलम है
प्यार के जादू में खोया हुआ जीवन है
बहती हुई हवा तन को छूकर गुजरती ऐसे
उनकी उंगलियाँ अठखेलियाँ करती है जैसे
सब कुछ भुलाए बस उनको ही सोचते हैं
जीवनसाथी नहीं, उनको जिंदगी मानते हैं
इस सब के बीच दिल एक सवाल पूछता है
क्या उनका दिल भी हमें इतना ही चाहता हैं?