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Bindiya rani Thakur

Tragedy

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Bindiya rani Thakur

Tragedy

उड़ान

उड़ान

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उसने ज़रा सा कदमों को बाहर क्या निकाला

हर एक ने सवालों के कटघरे में खड़ा कर डाला।


इल्ज़ाम बदचलनी का देकर सारे जहाँ ने कीचड़ उछाला

गैर तो गैर ही थे, अपनों ने भी उसे आजमाइश में डाला।


लक्ष्मणरेखा की देकर दुहाई अग्निपरीक्षा का चक्रव्यूह रच डाला

उड़ान भरने की सोचने से पहले ही उसके परों को कतर डाला।



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