कठिन परिस्तिथियों में कैसे काम करना है कैसा सोचना है आपस में सोच-समझ कर बात का कठिन परिस्तिथियों में कैसे काम करना है कैसा सोचना है आपस में सोच-समझ...
और तुम्हारे लिए खुद को बदलना मुझे अच्छा लगता था। और जब बदल लिया मैंने खुद को तो। .. और तुम्हारे लिए खुद को बदलना मुझे अच्छा लगता था। और जब बदल लिया मैंने खुद को...
खेलते हो हर दफ़ा तुम क्यों मेरे जज़्बात से दाग कुर्ते पे लगा तुम जाहिलों के हाथ से जो लगा साबुन तो ... खेलते हो हर दफ़ा तुम क्यों मेरे जज़्बात से दाग कुर्ते पे लगा तुम जाहिलों के हाथ ...
तेरे होठों को प्याले में जाम लिखता हूँ, तेरी हँसी को अपनी मैं जान लिखता हूँ।। तेरे आरिज़ को सुब... तेरे होठों को प्याले में जाम लिखता हूँ, तेरी हँसी को अपनी मैं जान लिखता हूँ।।...
कुछ और बढ़ गई हैं शजर की उदासियाँ, शाख़ों से आज फिर कोई पत्ता निकल गया... कुछ और बढ़ गई हैं शजर की उदासियाँ, शाख़ों से आज फिर कोई पत्ता निकल गया...
गुज़ारा अब मेरा तन्हाइयों,वीरानियों से है । मुहब्बत थी उसे तो मुझसे वो बाहर नहीं जाता । गुज़ारा अब मेरा तन्हाइयों,वीरानियों से है । मुहब्बत थी उसे तो मुझसे वो बाहर नह...