सिर्फ तुम ही हो
सिर्फ तुम ही हो


सिर्फ तुम ही हो,
जिस पर विश्वास किया मैंने।
सिर्फ तुम ही हो,
जिससे बहुत ही प्यार किया मैंने।
अपने बारे में कभी सोचा ही नहीं
सिर्फ तुम्हारे लिए ही जिया मैंने।
सपने तुम्हारे पूर्ण करने को
सर्वस्व ही अर्पित किया मैंने।
तुम पढ़ लिख कर अब बड़े हुए
अपने पैरों पर खड़े हुए।
चाहा तुमसे ऐसा क्या था?
जो यूं तुम मुझसे दूर हुए।
यह रिश्ता सबसे प्यारा है
बेटा हर मां का दुलारा है।
ऐसा कैसे हो सकता है
वृद्धआश्रम में आकर जो मैंने देखा है।
बच्चे ही मां को भूल गए।
अधिकार सभी को याद यहां पर
कर्तव्य क्यों अपने भूल गए?