नजाकत
नजाकत
नाजाकत तो हम दिखा दे..
पर तुम ठहरोगे नहीं।
कविता तो बहुत हैं ..
पर तुम पढ़ोगे नहीं।
एक बार दिल से याद कर लेना..
आशिक हो पर कहोगे नहीं।
भीड़ में अनजान बन जाना..
मिलोगे तो पहचानोगे नहीं।
मिलना मिलाना तो चलता रहेगा..
फ्रिक करते हो मगर कहोगे नहीं।
नाजुक हैं.. ये दिल मेरा..
सताओगे मगर तोड़ोगे नहीं।
कहना बहुत कुछ चाहते हो..
जताओगे मगर छोड़ोगे नही..।
आशिक हो मेरे रुलाओगे मगर
आसू हमारे कभी पोछोगे नहीं!
दूरी फासले दरमिया हैं..हमारे..
कमी करने की कोशिश करोगे नहीं !
प्यार करते हो तुम हमसे..
पर कभी दिल से कहोगे नहीं !
वो मेरी मोहब्बत.. मोहब्बत है तुमसे..
है ...बेइंतहा हमसे मगर कहोगे नहीं !

