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Anita Chandrakar

Romance

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Anita Chandrakar

Romance

प्यार

प्यार

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पलकें बिछाये बैठी हूँ , प्रिय तुम्हारे इंतज़ार में।

आज हवा बहकी बहकी सी, रंगत नई बहार में।

ख़ुशियाँ थिरक रही आँगन में, रंगोली शुभ द्वार में।

छँट गई अब दुख की बदली, बरसा बादल प्यार में।


नैन बरसते थे दिन रात, चाहे गर्मी हो या बरसात।

प्रिय आगमन का संदेश लाया, सबसे बड़ी सौगात।

देर ना करो अब तनिक भी, करनी है तुमसे ढेरों बात।

सँवर जाएगी जिंदगी, तुम हो मेरे जीवन के प्रभात।


प्यार से बढ़कर कुछ नहीं, इसके बिन जीवन ख़ारजार।

महक उठती जिंदगी उपवन सी, प्यार अनमोल उपहार।

प्यार समर्पण का दूजा नाम, प्यार जीवन का सार।

सृजन का आधार प्यार है, प्यार से ही है संसार।


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