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Gagandeep Singh Bharara

Romance

4  

Gagandeep Singh Bharara

Romance

क्यों कर मुझे

क्यों कर मुझे

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क्यों कर मुझे ये, इल्जाम दिया...


आंखों में उतारा मगर,

दिल से निकाल दिया,


शरे आम करते थे हम तो मोहब्बत,

अब मिलने से भी इन्कार किया,


रंजो गम में तो रखा, मगर,

खुशियों से अपनी निकाल दिया,


प्यार था या इक वक्त की दोस्ती,

जो आज साये से भी हमें दूर किया,


टूटा जो दिल है मेरा, गम नही,

बस तुम्हारे झूठे इकरार ने इक सवाल किया...


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