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Gagandeep Singh Bharara

Inspirational

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Gagandeep Singh Bharara

Inspirational

ख़ामोशियों के अल्फाज़

ख़ामोशियों के अल्फाज़

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राहत की इस सफ़र में,

ना उम्मीद कर, ऐ बन्दे, 

ये सफ़र तो खत्म होने का अपने,

लिखा के वक़्त आते हैं,


ख़ामोशियों के भी अल्फाज़ होते हैं,

ज़ुबान से नहीं, ये दिल से बयान होते हैं,


अल्फाज़ तो फ़िर भी एक उम्र के लिए होते हैं,

ये ज़ज्बात ही हैं, जो आख़िरी साँस तक याद रहते हैं,


ख्वाहिशों के मंज़र, 

सजा तो लेते हैं हम,

क्या हासिल करने की,

होती है जो कीमत,

चुकाने को भी तैयार होते हैं,


फलसफे मत बुना करो, 

निशब्द,

कि अब कहानियों में भी लोग, 

सच ढूँढ लिया करते हैं,


ख्वाहिशों के भी अल्फाज़ होते हैं,

अब तो आखिरी साँस का भी लोग हिसाब लेते हैं…


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