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Gagandeep Singh Bharara

Inspirational

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Gagandeep Singh Bharara

Inspirational

मिट्टी की गूँज

मिट्टी की गूँज

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सुन कर मिट्टी की गूँज, हम मतवाले निकल पड़े,

दुश्मन को धूल चटाने, हम चट्टानों पर निकल पड़े,


धरती, अम्बर, क्या नीर की ताकत,

हम खुद को आजमाने निकल पड़े,


थरथराहट से दुश्मन भी कांपे पहाड़ों पर,

जब धरती पर फ़ौलादी हमारे कदम बढ़े,


बना कर ऊँचे बंकरों को, वो मासूम क्या जाने,

हिला देते हैं हुंकार से ही अपनी, दुश्मनों की हम धड़कने,


वो वीर गाथा लिखने वाले, हम हिन्दुस्तानी सिपाही हैं,

खेलते हम गोलियों से, रणभूमि पर जब हम निकल पड़े,


मातृभूमि की करने रक्षा, हम सदेव ही रहते खड़े,

जान की ना करते परवाह, हो चाहे दुश्मन बड़े,


सर कटे या काट दें, हम इस प्रण को ले चले,

एक इंच भी ना ले सके दुश्मन, जब तक हैं हम खड़े,


सुन कर मिट्टी की गूँज, हम मतवाले निकल पड़े,

दुश्मन को धूल चटाने, हम चट्टानों पर निकल पड़े।।



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