मैंने तुमको बना रखा है
मैंने तुमको बना रखा है
तुम बेहतर नहीं हो मैंने सर पर चढ़ा रखा है
देखो कभी आइना में मैंने तुमको बना रखा है ।
कह दूं कभी ज्यादा इतना तो समझ जाया कर
छोटे छोटे बातों का तू बुरा कभी ना माना कर ।
कहीं छोटे ना साथ तेरी इतना तो फिकर करता हूं
ना करे तू बात मुझसे पल पल का खबर रखता हूं ।
तोड़ता हूं खुदको में, तेरी हर ख्वाबों को सजाता हूं
लम्हे लम्हे में बिखरता हूं, तुम्हे साथ लेकर चलता हूं ।
नहीं जिद है मेरा तुझसे कोई तू मुझे नहीं समझती है
तू खुस है जीवन में आपनी, नदिया सा जब तू बेहेती है ।
बड़ी नाजुक सी डोर है आपनी, में टूटने से बहुत डरता हूं
तू ख्वाब है मेरा अब भी, में हकीकत को नहीं समझता हूं ।

