STORYMIRROR

pawan Mohakul

Romance

4  

pawan Mohakul

Romance

मैंने तुमको बना रखा है

मैंने तुमको बना रखा है

1 min
308

तुम बेहतर नहीं हो मैंने सर पर चढ़ा रखा है

देखो कभी आइना में मैंने तुमको बना रखा है ।


कह दूं कभी ज्यादा इतना तो समझ जाया कर

छोटे छोटे बातों का तू बुरा कभी ना माना कर ।


कहीं छोटे ना साथ तेरी इतना तो फिकर करता हूं

ना करे तू बात मुझसे पल पल का खबर रखता हूं ।


तोड़ता हूं खुदको में, तेरी हर ख्वाबों को सजाता हूं 

लम्हे लम्हे में बिखरता हूं, तुम्हे साथ लेकर चलता हूं ।


नहीं जिद है मेरा तुझसे कोई तू मुझे नहीं समझती है

तू खुस है जीवन में आपनी, नदिया सा जब तू बेहेती है ।


बड़ी नाजुक सी डोर है आपनी, में टूटने से बहुत डरता हूं

तू ख्वाब है मेरा अब भी, में हकीकत को नहीं समझता हूं ।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance