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सतीश मापतपुरी

Romance

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सतीश मापतपुरी

Romance

खुदा के लिए यूँ ना शरामाइये

खुदा के लिए यूँ ना शरामाइये

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आपके दिल में जो भी है फरमाइए

पर  खुदा  के लिए यूँ ना शरमाइए।


आग पानी जहाँ में मिले ना गले

ज़िन्दगी में जवानी घड़ी भर मिले

गर मिली तो सितम यूँ ना बरपाइए

पर  खुदा  के लिए यूँ ना शरमाइये

आपके दिल में जो भी है फरमाइए ।


देने वाला रहम दिल ये दौलत दिया

हुस्न मेरी तड़प की बदौलत दिया

तन्हा दिल जो पुकारे तो आ जाइए

पर  खुदा  के लिए यूँ ना शरमाइये

आपके दिल में जो भी है फरमाइए ।


दिल जो धड़के नहीं दिल वो बेलूर है

इश्क   ना  हो  तो  सिंगार  बेनूर   है

दो कदम बढ़के नज़रों पे छा जाइए

पर  खुदा  के लिए यूँ ना शरमाइये

आपके दिल में जो भी है फरमाइए ।


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