STORYMIRROR

Komal Kamble

Abstract Romance

4  

Komal Kamble

Abstract Romance

मुझे तुमसे प्यार है

मुझे तुमसे प्यार है

1 min
266

तुम कहोगी तो सांसें लेना छोड़ दूं

तुम्हारे लिए खुद को मैं मिटा दूं

जो लकीर मुझे जोड़े ना तुमसे

उस लकीर को मैं मिटा दूं

क्योंकि मुझे तुमसे प्यार है


सारी खुशियां लाकर

तुम्हारे कदमों में डाल दूं

तुम्हें इस दुनिया से अलग कर

अपनी दुनिया में समा लूं 

क्योंकि मुझे तुमसे प्यार है


तुम्हारे चेहरे की उस हंसी को

मैं दिल में कहीं छुपा लेना चाहता हूं

मत छोड़ना मेरा साथ कभी

मैं तुम्हारे साथ रहना चाहता हूं

क्योंकि मुझे तुमसे प्यार है


सबसे ज्यादा मैंने तुम्हें चाहा है

तुम्हारी हसरतों को ही

मैंने अपनी हसरतें मानकर

अपनी हसरतों को मिटाया है

क्योंकि मुझे तुमसे प्यार है



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract