आदत
आदत
आदत बन गए वो हमारी
हम ही ना जान पाए
वे कब होगा गए हमारे।
अब उनकी आदत सी लग गई है
जो उनके बिना रहा न जाता
खुदा न करे अगर साथ छूट जाए
तो क्या करेेेंगे हमारी इस आदत का।
आदत भी होती है अजीब
जो छोड़े न छूटती है
इस आदत को हम क्या कहे
जो हमारी जिंदगी है।
अगर हमें उनकी आदत न होती
तो शायद आज हम हम न होते
रब से दुआ करेंगे हम यही की
हमारी ये आदत कभी ना छूटे।