जीवन--एक सफर
जीवन--एक सफर
थक गया हूं
जिंदगी का सफर पूरा करते करते
बस तेरी बाहों में
प्यार की एक झपकी लेना चाहता हूं
इस जिंदगी के सफर में
मैं अब तक अकेला था
अब साथ जो मिला है तेरा मुझे
मैं तेरे साथ अब चलना चाहता हूं
मायूसी भरे इस सफर में
तुमने अब प्यार भर दिया
तनहा थे जो रास्ते मेरे
उन्हें तुमने मिटाया है
बस यूंही मेरा हाथ पकड़कर
हंसते मुस्कुराते साथ चलते रहना
चाहे कितनी भी हो मुश्किलें या गम
खुद से मेरा हाथ न छूटने देेना
जिंदगी का सफर तो मेरा था
पर अब रास्ते हुए हैं तेरे
इन रास्तों पर मैं अब
तेरे सिवा न चल सकूँगा ।