खुबसूरती
खुबसूरती
रंग, रूप न देखो किसी का
खूबसूरती तो दिल में है,
खूबसूरत हो अगर दिल तुम्हारा
तो फिर हर कोई खूबसूरत है।
बाहरी खूबसूरती को इस
एक दिन मिटना ही है,
रंग, रूप से भेद कर
खुद को क्यों दिलों से मिटाना है।
रंग, रूप का स्वरूप ही
मोह माया का रूप है,
जो आज है और कल नहीं
वहीं तो रंग, रूप हैं।
रंग-रुप और चाल-ढाल
सुंदरता का रूप नहीं,
जिस के मन में छल-कपट है
खूबसूरती का दाग वही।