दर्द मेरा
दर्द मेरा
काश! मेरा दर्द किसी ने समझा होता
तो मुझे यूं अकेला न छोड़ जाता
टूटकर आज जो बिखरा पड़ा है दिल मेरा
उस दिल को कोई टूटने ना देेता।
अफसोस तो सिर्फ इस बात का है
क्यों में किसी के प्यार के काबिल नहीं?
प्यार करने वाले उन दिलों में
मेरा नाम क्यों शामिल नहीं?
काश कभी किसी ने तो प्यार किया होता
एक इशारे पर उसके सारी खुशियां कदमों में रख देता
समझने की कोशिश करता अगर कोई मुझे
तो उसे अपने से अलग न होने देेता।
दुआ रहेगी मेरी खुुदा से यही
अगले जन्म में मुझे अकेलापन न देना
हो अगर तनहाई नसीब में मेरे
तो मुझे फिर जन्म ही न देना।

