यादों के दो किस्से
यादों के दो किस्से
किताब के दो अलग पन्नों के बीच रखे
दो अनमोल यादों का किस्सा !
एक बचपन का निश्छल मोरपंख,
दूसरा गुलाब अल्हड़ जवानी के वादों का किस्सा !!
एक मासूमियत टकटकी बाँधें ,
मोरपंख के जोड़े में मिल जाने का किस्सा !
दूजा परवान चढ़ते प्रेम में,
और चटख सुर्ख खिल जाने का किस्सा !!
एक लिए चिलमन में है बैठा ,
बेफिक्र स्मृति,बालपन का हिस्सा !
प्यार की कोंपल जिस मौसम ने सींची,
गुलाब उस यौवन दहलीज का हिस्सा !!
अब जब दोनों किताब के हिस्से,
करते गुफ़्तगू, कहते स्मृति शेष बस अब वो दो खूबसूरत किस्से !!