'जीते हैं चल'
'जीते हैं चल'
पानी के बुलबुले सी है ज़िंदगी,क्यों सोचे कैसा होगा कल,
आज जी भर कर जी लेते हैं साथी,आज में ही जीते हैं चल।
छोटी सी है ज़िंदगी क्यों अदावत में बिताना उसे कर ले दोस्ती,
आसां नहीं सफ़र दुश्मनी का,राह होंगी काँटो भरी चलना संभल।
तेरा साथ बढ़ाता है हौसला,चाहे मुश्किल हो डगर कितनी ही,
हमसफ़र बनकर तेरे हमक़दम कट जाएगी राहें,हाथ थामे तू चल।
इश्क ने तेरे सँवार दिया है जीवन मेरा,शुक्रिया है तेरा सनम,
उजली भोर है तेरे ही दम से,शाम सुहानी खुशनुमा से है सारे पल।
यूं ही साथ निभाना ताउम्र ना कभी तन्हा कर छोड़ जाना हमें,
जी न पाएंगे साथ जो तेरा छूटा,सांँसे बीतेगी हरदम होकर बेकल।