विपदाओं से खुद ही बचो, आत्म मंथन अब तो करो। विपदाओं से खुद ही बचो, आत्म मंथन अब तो करो।
छुपा के अंतर्मन में रेत के ढेर उजली दिखती, निर्मल जल इतना, दिखता प्रतिबिम्ब कहते छुपा के अंतर्मन में रेत के ढेर उजली दिखती, निर्मल जल इतना, दिखता प्रतिबिम्ब क...
ये दास्ताँ, सुनने को तेरा कल बेक़रार सा है। ये दास्ताँ, सुनने को तेरा कल बेक़रार सा है।
पानी के बुलबुले सी है ज़िंदगी,क्यों सोचे कैसा होगा कल. पानी के बुलबुले सी है ज़िंदगी,क्यों सोचे कैसा होगा कल.
आग में शबनम की रीत हूँ टूटे हुए तरानों का गीत हूँ आग में शबनम की रीत हूँ टूटे हुए तरानों का गीत हूँ