जब लगी हो प्यास, तब खाना लगता है बिल्कुल बकवास। जब लगी हो प्यास, तब खाना लगता है बिल्कुल बकवास।
छुपा के अंतर्मन में रेत के ढेर उजली दिखती, निर्मल जल इतना, दिखता प्रतिबिम्ब कहते छुपा के अंतर्मन में रेत के ढेर उजली दिखती, निर्मल जल इतना, दिखता प्रतिबिम्ब क...
होते हैं वो ऐसे मसीहा कि उन्हें देखे तो कफ़न में मौत भी रुक जाती। होते हैं वो ऐसे मसीहा कि उन्हें देखे तो कफ़न में मौत भी रुक जाती।
राम-सिया अब भी हैं, निर्वासित घर से राम-सिया अब भी हैं, निर्वासित घर से
कतरे-कतरे को तरसे, आज धरा के जन-गण, कतरे-कतरे को तरसे, आज धरा के जन-गण,
झूठ फैला तो फैलता ही चला गया सच जितना कभी सिमटा कोई नहीं झूठ फैला तो फैलता ही चला गया सच जितना कभी सिमटा कोई नहीं