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Rajeev Rawat

Romance

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Rajeev Rawat

Romance

उन बरसातों में--दो शब्द

उन बरसातों में--दो शब्द

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प्रेम ग्रंथ का

पहला अक्षर, लिखा जो तेरी बातों में

बदन जला साथ साथ में तेरे संग बरसातों में

तुम थी मैं था, 

मैं था तुम थे, और समां था मतवाला 

तेरी आंखो से छलका था उस दिन मधु का भी प्याला 

तुम मुझ में और 

हम तुझमें खोये और तेरी वो अंगड़ाई 

देह गंध की मधुर सुगंध से महक उठी थी अमराई

कहां समय का 

पता हमें था खोई खोई उन रातों में

बदन जला साथ साथ में तेरे संग बरसातों में

तेरे मेरी आंखो ने

 छुप छुप कर के देखे कितने सपने थे

कुछ तो हवा हवाई 

हो गये कुछ तो फिर भी अपने थे

एक दूजे में 

खोकर के हम, अपना सब कुछ भूल गये

वो अंकुर बोये थे हमने 

प्यार के कलियां बन फूल गये

प्यार भरी ओसों सी 

छलकी दिल कोमल पातों में

बदन जला साथ साथ में तेरे संग बरसातों में.

                  



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