Divyanshi Triguna

Romance

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Divyanshi Triguna

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जीवन की अभिलाषा

जीवन की अभिलाषा

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जीवन की अभिलाषा हैं, कुछ पल तेरे संग हो, 

कुछ पल ऐसे मोती से हो, जो बस मेरे संग हो, 

नहीं चाहिए साथ तेरा, बस प्यार कुछ ऐसा हो, 

याद करूँ मैं जब भी उसे, वो याद के जैसा हो, 


खुश रहो, तुम सुखी रहो सदा, चाहे साथ कभी ना हो,

जहाँ रहूँ, जहाँ भी मैं रहूँ, बस याद में तेरी हो, 

इंतजार के जैसा सुंदर तोफा ना कोई हो, 

क्या रिश्ता, कुछ ज्ञान नहीं, बस प्यार, प्यार ही हो, 


कल जाने के कैसा हो, बस आज के जैसा ना हो, 

साथ नहीं हम आज कहीं, कल साथ कहीं तो हो,

ना कोई रस्में हैं यहाँ, ना किसमें, वादें हो,

एक सुंदर सा रिश्ता हो, जो जान से ज्यादा हो, 


अलग-अलग सी इस दुनिया में, हम एक से हो,

हम ना अलग हो कहीं कभी, बस एक-दूसरे के हो, 

वक्त आज ये साथ नहीं, कल साथ हमारे हो, 

एक दिन तो ऐसा आए, जहाँ साथ हम भी हो,


ये सारी अभिलाषा हैं, इस जीवन की मेरे,

पूरी हुई तो सब सही, ना पूरी तो हम तेरे, 

जो हुआ वो हुआ सही, जो होगा वो भी सही,

दु:ख में तुम ना रोना कभी, चाहे जो हो कभी कहीं,


अंत में बस इतना ही कहूँ, मेरी अँखियों में तुम ही रहो, 

प्राण भी जब तन से निकले, तेरा नाम श्याम ही कहो, 

तेरा नाम श्याम ही कहो....... 


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