Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

राजेश "बनारसी बाबू"

Romance Inspirational

4  

राजेश "बनारसी बाबू"

Romance Inspirational

दिव्यांग प्रिया का विवाह

दिव्यांग प्रिया का विवाह

3 mins
285


अभी ही हम दिल्ली से आए बैठे है

प्रिया के ही ख्याल में खोए बैठे है

कंपनी में बड़ी मुश्किल से अवकाश मिला था

शादी के लिए ना जा जाने क्यूँ मैं व्याकुल बैठा था

अकस्मात तभी दद्दा का फोन बजा था

जैसे लगा अभी कोई अनहोनी घटा था

दद्दा ने अभी ही संदेश सुनाया था

प्रिया का कार दुर्घटना बताया था अभी ही हम दिल्ली से आए बैठे है

प्रिया के ही ख्याल में खोए बैठे है

कंपनी में बड़ी मुश्किल से अवकाश मिला था

शादी के लिए ना जा जाने क्यूँ मैं व्याकुल बैठा था

अकस्मात तभी दद्दा का फोन बजा था

जैसे लगा अभी कोई अनहोनी घटा था

दद्दा ने अभी ही संदेश सुनाया था

प्रिया का कार दुर्घटना बताया था

मुझे तो लगा आज मेरा संसार लूट गया था

आज तो जैसे मैं अंदर ही अंदर बहुत टूट आया था

हवा के झोंके से अभी ग्लास फूट गया था

जैसे लगा कोई हम पे जादू टोना कर गया था

घर की सारी सजावट अब रूक गई थी

जैसे लगा अभी मेरी सांस रुक गई सी थी

आज प्रिया ने अपना दोनों पैर गवाया था

मुझे तो लगा जैसे मैंने अपना जान गवाया था

अम्मा बाबू जी ने मुझे बहुत समझाया था

दूसरे लड़की से शादी कर लो ऐसा मुझे प्रस्ताव बताया था

माँ देखो ना अब शादी का समय नजदीक आया था

नहीं बेटे मेरे घर पे जैसे लगा अभी कोई संकट आया था

शादी रद्द कर दो ऐसा माँ ने मुझे बताया था

उस दिन प्रिया का फोन भी ना जाने क्यूँ स्विच ऑफ आया था

आज मुझे भी अपने किस्मत पे बहुत रोना आया था

कुछ देर पहले वो हमसे हंसी मुस्कुराई थी

मेरे पागलपंती पे जैसे अभी ठहाका लगाई थी

मेरी दुल्हन बनोगी इस बात पे जैसे अभी खुशियां मनाई थी

घर में लड़की की फोटो देखी जा रही थी

मेरी तो हालत जैसे खसता होती जा रही थी

मैं रोडवेज बस पकड़ने को भागा था

बस स्टैंड पर जैसे सारी रात जागा था

उत्तराखंड की सुंदर वादियां आज मन को ना भा रही थी

उसकी कही हर बात पे हमें आज आँसू आ रही थी

भीड़ में बड़ी मुश्किल से मैंने सीट पाई थी

उसकी कॉलेज संग बीती हर बात

आज हमें याद आई थी

ऑफिस में उसकी टिफिन चोरी कर खाने की बात से आज आंख से अश्क छलक आई थी

रास्ते में पल आज सदियों सा लग रहा था 

आज क्यूँ उत्तराखंड आने में क्यूँ समय लग रहा था

उत्तराखंड उखीमठ पहुंच कर मैंने प्रिया के घर का दरवाजा खटखटाया था

तभी मुझे दरवाजे पर से चीख रुदन सुनाया था

मुझे दरवाजे पे देखते ही प्रिया की माँ को बहुत रोना आया था

बेटा तुम्हारे घर से शादी के रद्द होने का अभी ही खबर आया था

मैं कुछ ना बोल कर प्रिया के कमरे में भागा था

मैंने अपनी चाँद सी प्रिया को बिन पैर के कमरे में बिस्तर पे सिसकता रोता पाया था

मुझे पाते ही प्रिया ने मुझे टूट के सीने से लगाया था

आज मैंने अपनी खूबसूरत सी चाँद को रोते हुए बेबस पाया था

राहुल मैं तेरी दुल्हन अब बन नहीं सकती।

अब मैं अपनी पांव पे चल नहीं सकती

मैं अब विकलांग हो गई हूँ तुम्हारे काबिल न रह गई हूँ

मैं तुम्हारे बिना ना रह पाऊंगी 

तुम बिन लगता मैं जैसे मर ही जाऊंगी 

विकलांगता को अपनी कमजोरी मत बनाओ

अपनी मन के ताकत को अपनी हथौड़ी बनाओ

अब मैं विवाह कर नहीं सकती 

मैं तो सात फेरे तो क्या सात कदम साथ चल नहीं चल नहीं सकती?

मैं बांहों में उठाऊंगा तुझे अपनी दुल्हन बनाऊंगा 

सात फेरे तो क्या सातों जन्म साथ निभाऊंगा! 



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance