sunil saxena

Romance

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हम कहाँ गए तुम्हारे बिना कभी पूछो हमदम हम कहाँ गए

हम कहाँ गए तुम्हारे बिना कभी पूछो हमदम हम कहाँ गए

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हम कहाँ गए तुम्हारे बिना कभी पूछो हमदम हम कहाँ गए


हम कहाँ गए तुम्हारे बिना कभी पूछो हमदम हम कहाँ गए तुम्हारे बिना कभी पूछो हमदम

हम क्या हो गए तुम्हारे बिना कभी पूछो तो एक नज़र उठा के देख लो हम हैं तुम्हारे गीजर

आपका यूँ आना गज़ब ढा गया

यूँ तो महफ़िल थी गज़ब पहले से सनम उस पे आपका यूँ मुस्कुराना सितम ढा गया

आपका यूँ बुलाना मंजूर था आपने यूँ बुलाया मज़ा आ गया आपने यूँ बुलाया मज़ा आ गया

आपके पास आए तो भूले सनम कि हम हैं किसी और के सनम आपका यूँ मानना गज़ब ढा गया

हाल ये है तो पूछो मेरे सनम आपके ही पैरों पे आ गिरे हैं सनम आप ही की हर अदा पे मर मिटे हैं सनम

हम कहाँ गए तुम्हारे बिना कभी पूछो हमदम हम क्या हो गए तुम्हारे बिना कभी पूछो तो

एक नज़र उठा के देख लो हम हैं तुम्हारे गीजर आप ही के आगे मर मिटेंगे सनम

आपका यूँ लुभाना गज़ब ढा गया आपकी हर अदा पे फ़िदा हैं सनम आपका यूँ मुस्कुराना गज़ब ढा गया

आपने जो कहा वो माना सनम भूलेंगे हर किसी को के वो हैं मेरे सनम लुटा देंगे हर किसी पे आप ही के सितम

जो कहोगे वो ही करेंगे सनम तुम सूरज को अगर चांदनी कहो तो चांदनी कहेंगे

मर मिटे हर अदा पे तुम्हारी सनम आपका यूँ धुतलाना सितम ढा गया हर कदम पे आप ही के हैं

सनम आपका यूँ शर्माना गज़ब ढा गया हर किसी को जो भूले हैं की किसी के हैं

वो भी सनम आपने जो कहा वो माना सनम हर किसी को भूले हैं हम ए हमदम आपका यूँ इतराना गज़ब ढा गया

हर किसी पे फ़िदा थे हम ए सनम आपका यूँ आना गज़ब ढा गया

हर किसी की अदा है तुम पे फीकी सनम उस पे आपका यूँ शर्माना गज़ब ढा गया

हर नज़र है हमारी तुम पे सनम उस पे आपका यूँ इतराना गज़ब ढा गया


हम जो आए वहीं पे , जहाँ तुम थे सनम महफिलों का जमना शुरू हो गया

जो तुमको हो पसंद वही बात करेंगे तुम्हारी हर बात को सर आँखों से ऊपर मानेंगे

हमदम जो तुम आए तो बहार आई जो तुम कहो तो भूल जायें की हम हैं किसी और के सनम

हर किसी की आस है तुम पे और तुम्हारी आहट है सिर्फ हमारे लिए तुम्हारी मुस्कराहट है सिर्फ हमारे लिए

हर किसी की आँखें ले रही हैं साँस सिर्फ तुम्हें ही देख के ही और तुम्हारी तिरछी नज़र है सिर्फ हम पे ही

सर कटा देंगे तुम्हारी इक नज़र के लिए हम कहाँ गए तुम्हारे बिना कभी पूछो हमदम

हम क्या हो गए तुम्हारे बिना कभी पूछो तो एक नज़र उठा के देख लो हम हैं तुम्हारे गीजर

आपका यूँ मुस्कुराना गज़ब ढा गया आप आए तो महफ़िल जमने लगी उस पे आपका गुन गुनाना गज़ब ढा गया

हम कहाँ गए तुम्हारे बिना कभी पूछो हमदम हम क्या हो गए तुम्हारे बिना कभी पूछो तो

एक नज़र उठा के देख लो हम हैं तुम्हारे गीजर आपका यूँ मुस्कुराना गज़ब ढा गया

आप ही हैं हमारे सनम किसी को ना पता आपका यूँ मुस्कुराना गज़ब ढा गया

हम कहाँ गए तुम्हारे बिना कभी पूछो हमदम हम क्या हो गए तुम्हारे बिना कभी पूछो तो

एक नज़र उठा के देख लो हम हैं तुम्हारे गीजर…..



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