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Avinash Soni

Romance

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Avinash Soni

Romance

चाय और तुम

चाय और तुम

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किसी सुबह तुम देर से उठना

मैं तुमसे पहले उठूंगा

उठूंगा और हाथ मे एक प्याली ब्लैक टी से भरी लिए हुये 

अदरक ज्यादा,काली मिर्च को ठीक से कुचा हुआ

तुलसी की पत्तियों से गुज़रा हुआ, 

मैं देखूंगा तुम्हारी चेहरे की चमक

तुम्हारी मुस्कान 

आत्मा की प्यास क्या महज़ एक कप ब्लैक टी से बुझ सकती है 

जैसे मैं तृप्त होता हूं हर सुबह

मैं चमकता हूँ सूरज से भी ज्यादा

वो ब्लैक टी मेरी आदत नही 

तुम्हारे साथ तय कर रहे किसी लंबे सफर में साथ चलने वाले चांद के दृश्य सा है 

बस किसी सुबह तुम देर से उठना मै देखूंगा....

तुम्हे हर चुस्की में 

चोरी से नज़रे बचाकर 

बिंदी लगी भी है या नही ये बताऊंगा 

और भी बहुत कुछ 

तुम सुनना मैं बताऊंगा, 

देखूंगा जो उसकी वीडियोग्राफी तुम्हें दूंगा.. 

बस किसी सुबह मैं...........!


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