ये कैसी मोहब्बत
ये कैसी मोहब्बत
एकं ही राह के राही थे हम दोनों,
क्यों मंजिल हो गई अलग-अलग,
पर जिंदगी का यह सफर अब भी ज़ारी है,
जहां चल तुम भी रहे हो और चल मैं भी रही हूं,
अब राहें भी हमारी हो गई अलग-अलग,
पर फर्क सिर्फ़ इतना सा है दोनों की राहों में,
तुम तो ख्वाब तोड़ कर चले गए अपनी राह,
और मैं अब तक बस ख्वाबों में ही जी रही हूं,
कितने रंग यहां जिंदगी के आंचल में,
पर रंगों का महत्व सबके लिए है अलग,
रंगों में होकर सराबोर तुम जी रहे हो,
और मैं यहां बेरंग तस्वीरों में रंग भर रही हूं,
खट्टा मीठा तीखा नमकीन कितने स्वाद जिंदगी के,
पर जिंदगी की रेसिपी सबकी अलग-अलग है,
मीठे सपनों में तुम खोए रहते हो दिन रात,
और मैं अपनी बेस्वाद जिंदगी में दिन काट रही हूं,
खूबसूरती का खज़ाना यहां खुशियां अपार हैं,
पर खुशियां ढूंढने का अंदाज अलग अलग है,
तुमने तो खूबसूरत खुशियों की दुनिया बसा ली,
और मैं अब तक तुम्हारा इंतजार ही कर रही हूं,
मिलते कई लोग राह में कुछ अपने से हो जाते हैं,
पर कुछ तो साथ होकर भी बीच राह में छोड़ देते हैं,
तुमने तो कुछ कहे बिना चुन लिया हमसफ़र अपना,
और मैं वफ़ा की इस राह में बस अकेली ही चल रही हूं।

