पिया मिलन
पिया मिलन
ख्वाबों ख्वाबों में आज फिर
उनसे मुलाकात हुई है
चोरी चोरी चुपके चुपके
कुछ बात हुई है।
कजरारे नैनों को
कितना रोका मैंने
फिर भी इसने चुगली कर ही दी
गजरों को कितना टोका मैंने
फिर भी महक बहक इसने
साँसों में हलचल भर ही दी
चूड़ी पायल की खनक छनक ने
कब मानी है मेरी ?
इनसे ही तो हर
शरारत की शुरुआत हुई है
सोलह शृंगार के मान मनुहारों में
कैसी सजीली ये रात हुई है
मदमाती बलखाती प्रीत की
देखो ना ! कैसी सुहानी
रिमझिम बरसात हुई है
ख्वाबों ख्वाबों में आज फिर
उनसे मुलाकात हुई है।

