दिल से
दिल से
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कर बैठे हम प्यार तुझसे
ना हम पूछे तेरे दिल से
तेरे दिल में क्या है
ना पूछे तुझ से मिल के
सायद एक तरफा प्यार है
फिर सोचा अपने दिल से
देखता रहा हर पल तुझे ही
ना कुछ बोला तुझ से मिल के
डरता था कहीं ये दोस्ती टूट न जाए
खामोश रहा लौटते वक्त महफ़िल से।