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Ankit Raj

Romance Inspirational

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Ankit Raj

Romance Inspirational

प्रेम विवाह

प्रेम विवाह

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माँ पिता के घर छोड़ आई

बाबुल से रिश्ता तोड़ आई

सखियों से मुँह मोड आई

प्रियतम से नाता जोड़ आई


छोड़ आई अकेले माँ को

एक अंजाने से रिश्ता जोड़ आई

माँ बिलखती रही घर पर

उसको उसी हाल में छोड़ आई


पिता के पगड़ी को झुका

अपनी खुशी में खो गई

इश्क का जो जुनून सवार था

आने वाली कल ना देख पाई

जब तक रहा पैसा पास में

हमने पुरा ऐस-मौज मनाई


शुरू हुआ जब असली जिंदगी

वो अपना रंग अब दिखलाया

अब पहले जैसा प्यार नहीं था

अब होता पिया से रोज लडाई


कमाते और रोज दारू पीते

घर आ कर करते रोज पिटाई

मन ही मन अब पचताती हूँ

क्यों माँ की घर छोड़ आई


अब मन ग्लानि से भरा हुआ है

क्यों पिता की बातें न सुन पाई

उस समय मैं इश्क में चूर थी

क्या गलती हैं समझ नहीं पाई

इस जालिम दुनिया वाले को

मैं तब नहीं परख पाई।


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