STORYMIRROR

Ankit Raj

Abstract

3  

Ankit Raj

Abstract

फेस बुक वाला प्यार (भाग-1)

फेस बुक वाला प्यार (भाग-1)

1 min
443


बहुत दिनों बाद मैं

जब FB को खोला 

किसी के फ्रेंड रिक्वेस्ट से

दिल मेरा डोला 


Hi से हुआ जब

हम दोनों का शुरूआत 

Intro हुआ दोनों का 

होने लगी बात


ना जाने कब तो

हो गया मुझे प्यार

मैंने भी कर दिया

उसे FB पर ही इजहार


ना देखा, ना सोचा

ना मिला, ना जाना 

ना मिलने बुलाया

ना डेटिंग, सिर्फ चैटिंग 


ये था मेरा

FB वाला प्यार 

लोग क्या कहेंगे 

मैंने नहीं किया विचार


रोज होती थी 

fun वाली बातें 

हर वो chat 

दिल को छू जाते


ना जाने क्या हुआ खता

ओ मुझे block की

मैं संभल पाता 

ओ मुझे hart की।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract