ना समझ पाओंगे लड़कों को कभी
ना समझ पाओंगे लड़कों को कभी
गम को दिल में छुपाना पड़ता है
झूठी मुस्कान दिखाना पड़ता है
ना समझ पाओगे लड़कों को कभी
दर्द को भी ना बताना पड़ता है
कितना भी तकलीफे हो फिर भी
मुख पे खुशी हर पल दिखता है
धीरे-धीरे मंजिल की ओर बढ़ता है
पड़ोसियों के ताने भी सकता है
अंदर ही अंदर आँसुएँ बहाता है
पथ से कभी भी ना भटकता है
मिला जो ये जीवन खुदा से
मेहनत से सीच कर सुंदर बनाता है।
