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अधिवक्ता संजीव रामपाल मिश्रा

Tragedy

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अधिवक्ता संजीव रामपाल मिश्रा

Tragedy

भारत

भारत

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भ्रष्टाचार की जद में डूबा भारत,

रिश्वत खोर जनक भटक रहे हैं,

योजना मानव हित में बन रही है,

और योजना के पात्र भटक रहे हैं।

लेखपाल प्रधान मिलकर गांव को,

ईओ चेयरमैन मिलकर टाउन को,

बजट एक नम्बर कार्य दोयम करते,

दलालों संग लूटते शहर और गांव को।

सरकारी काम थाने से या तहसील से,

बिना रिश्वत के नहीं होता हबीब से।

विधवा विकलांग और अनाथ को पेंशन नहीं,

है तो समय पर उनको टेंशन में उपलब्ध नहीं।

आखिर नेता क्षेत्र में कहां सुनता जनता की,

तो बात कहां रखता होगा संसद में भंता की।


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