कब सोमवार आया, कब बुधवार या फिर कब इतवार कुछ अंदाजा ही नही रहता कब सोमवार आया, कब बुधवार या फिर कब इतवार कुछ अंदाजा ही नही रहता
उनसे पूछो जिनके सिर पर छत नहीं, रोटी के भी जिनको लाले है पड़े उनसे पूछो जिनके सिर पर छत नहीं, रोटी के भी जिनको लाले है पड़े
चेहरा आइना है. चेहरा आइना है.
मुस्कुराओ क्या गम है, जिंदगी में टेंशन किसको कम है! मुस्कुराओ क्या गम है, जिंदगी में टेंशन किसको कम है!
भ्रष्टाचार की जद में डूबा भारत, रिश्वत खोर जनक भटक रहे हैं. भ्रष्टाचार की जद में डूबा भारत, रिश्वत खोर जनक भटक रहे हैं.
पतझड़ सारा खत्म करो, सावन की आई फँँवार। छोड़ो सारी दुनियांं को, खुश रहो ना यार। पतझड़ सारा खत्म करो, सावन की आई फँँवार। छोड़ो सारी दुनियांं को, खुश रहो...