गुजरी हुई जिंदगी....
गुजरी हुई जिंदगी....
अब तो बस यादें है,
हृदय की गहराइयों में सिमटी हुई।
गुजरी हुई जिंदगी के,
अब सिर्फ किस्से ही बाकी हैं।
कुछ हिस्से वो संग ले गए,
कुछ अपने हिस्से बाकी हैं।
अब तो बस यादें है,
हृदय की गहराइयों में सिमटी हुई।।
वो दौर जब न कोई गम था,और
न थी कोई बड़ी सी ख्वाहिशें।
सुबह से शाम तक बस,
हंसी खुशी का जीवन में बसेरा था...
हर गहरी रात के बाद फिर से,
खिलखिलाता हुआ सवेरा था।
पर अब तो सिर्फ मायूसी है,और
बेवजह की बातें है।
गुजरी हुई जिंदगी की अब सिर्फ,,,
यादें ही यादें हैं।