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सोनी गुप्ता

Tragedy

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सोनी गुप्ता

Tragedy

तुम बहुत बदल गए

तुम बहुत बदल गए

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मेरी हर बातों को तुम हमेशा अनसुना कर गए,

हमारी बातों को भूल सिर्फ जमाने की सुन गए,

वो हसरतों के फूल जब हमने कांटो से चुने थे,

दर्द मिला तब समझ आया तुम इतने बदल गए,

अब तो लगता मेरी दुआओं में ही शायद कमी थी,

कहने को सिर्फ़ बात रह गई और दिन गुजर गए,

ना जाने किस मुकाम पर ले आई है बेबस जिंदगी,

आज दूर हुए इतने की उनसे मिलने को तरस गए,

शायद तेरी इसी बेरुखी ने इतना चौंका दिया मुझे,

जलते रहे थे चिरागों में पर आज हम राख हो गए,

तुम्हें गैरों से ना फुर्सत ना हम अपने गम से खाली,

तुम तो तूफान की तरह जलते चिराग को बुझा गए,

जो सभी दुआएं मांगी थी हमने कभी तुम्हारे लिए,

तुम तो अब हर यादों को अपने दिल से मिटा गए,

हमने तो खुद ही अपनी बेबसी की उड़ाई है यूँ हंसी,

तुम तो हमें छोड़ मझधार में जाने कब आगे निकल गए।



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